Organized Chaos
There is a method to my madness!
Tuesday, March 24, 2009
शेर-ज्ञान # 2
दिल पे बुलडोज़र चला कर
यूँ मुस्कुरा कर चले गए
इस उजड़े चमन को, ऐ ज़ालिम,
कमसकम अलविदा तो कहा होता
Wednesday, March 18, 2009
अर्ज़ किया है
कुछ मुस्कुरा दो , आज वजह खामखाँ है
धडकनों को सुन लो , आज ज़ुबां
खामखाँ
है
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